Tuesday 17 January 2012

telling-syory

कहानी बताना

जो लोग सार्वजनिक रुप लिखते है, उनहें लगभग हमेशा जिसके बारे में वे लिखते है,उस पर अधिक शक्ति होती है, विशेषकर यदि उनके पास व्यापक द्दर्शकों है. विशेष रूप से मेरे ज्यादा अनुयायी नहीं है, या तो इस ब्लॉग पर या शैक्षणिक सर्कल में, लेकिन मैं फिर भी मेरे साथ मेरे लेखन में अन्य लोगों से सुनी हुई कथाओं का उपयोग करता हुं. कई लोग हैं, जिससे मैं बात करता हुं, उनके जीवन और काम के बारे में मेने जो लिखा है, वें लेखन के बारे में आसानी से प्रत्युत्तर नही दे सकते हैं. मैं मेरे संशाधन और तर्क मैं गठन करते समय स्पश्ट(मुक्त) हुं और, मैने ' आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों का निर्धारण' के बारे में इंटरव्युस का इस्तेमाल किया, तब कई लोग जिसका मैने इंटरव्यु लिया था, उऩ्हें ना हि अंतिम लेख पढने को मिला या उसके बारे मे कुछ प्रत्युत्तर देने का मौका मिला.

जिस तरह का संशाधन मैं करता हुं उसमे एक तरह का तनाव है. यदि मैं कार्यकर्ताओं के बारे में लिखता हुं जिसे (अपेक्षाकृत) विशेषाधिकार प्राप्त हैं, जैसे मैने कुछ काम किया है,यह आसान है कि,उनके बारे में मेरा लेखन पढकर, अगर उन्हें लगता है.मेरा लेखन गलत है तो मुझे फोन पे प्रत्युत्तर दे सकते है. अगर मैं उन कार्यकर्ताओं के बारे में लिखता हुं जो अंग्रेजी नहीं पढ़ते, या जो ऑनलाइन नहीं आते है, तो मुझे अनसुना आवाज सुनी बनाने का अवसर है ... लेकिन उनकी कहानियों मेरे द्वारा छनी हुई , फिर से सुनाई गई, और फिर से गढी जाती है, और उन्हें प्रत्युत्तर देने का कोई मौका नहीं है.

इसमे जटिलताओं हैं, बेशक जो समय मैं लोगों के साथ, में अपनी खुद राजनीति की बात करता हुं तब, सवालों के जवाब देते वक्त, कभी कभी उग्र असहमति का सामना करना पड़ता है. मैं मन में, मेरे लेखन का राजनीतिक प्रभाव को सहन करने की कोशिश करता हूँ, हालांकि वे सीमित हैं. मैं, जिनसे बात की है वें लोगों के साथ संपर्क बनाए रखने की कोशिश करता हुं. दूसरे लोगों की कहानियों, मैं सम्मान और नैतिक रुप से बताने की कोशिश करता हूँ.

(एक भारी शिक्षण जवाबदारी और अन्य मामलों में एक चुनौतीपूर्ण वर्ष, शोध कार्य के लिए ज्यादा समय नहीं छोड़ा है.) मैं काफी लोग से जो, मुझसे बात करने का समय ले लिया करने के लिए आभारी हूँ. वहाँ कुछ उत्कृष्ट सामग्री है जो, कार्यकर्ताओं के काम का दिलचस्प ,महत्वपूर्ण विश्लेषण है.

कार्यकर्ताने मेरे साथ बिताये समय के साथ न्याय करने की मेरी क्षमता के बारे में कभी कभी मुझे चिंता होती है. पिछले साल से मैं उनकी कहानियों को सीधे सुलभ बनाने के तरीके सोच रहा हूँ. मैं इस ब्लॉग पर इन इंटरव्यू की कम से कम भाग को साझा करना चाहता हूँ. और संभवतः भविष्य में कभी 'कार्यकर्ताओं की अनुमति के साथ पूरे इंटरव्युस को ब्लोग पे पोस्ट करना चाहता हूँ. .

Re-narration by Amrapali in Hindi targeting Punjab for this web page

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