Friday 27 January 2012

Re-narration

जो लोग सार्वजनिक रुप से लिखते है, उन्हें लगभग हमेशा जिसके बारे में वे लिखते है, उस पर अधिक शक्ति होती है, विशेषकर यदि उनके पास व्यापक द्दर्शकों है. विशेष रूप से मेरे ज्यादा अनुयायी नहीं है, या तो इस ब्लॉग पर या शैक्षणिक सर्कल में, लेकिन मैं फिर भी मेरे साथ मेरे लेखन में अन्य लोगों से सुनी हुई कथाओं का उपयोग करता हुं. कई लोग हैं, जिससे मैं बात करता हुं, उनके जीवन और काम के बारे में मेने जो लिखा है, वें लेखन के बारे में आसानी से प्रत्युत्तर नही दे सकते हैं. मैं मेरे संशाधन और तर्क मैं गठन करते समय स्पश्ट(मुक्त) हुं और, मैने ' आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों का निर्धारण' के बारे में इंटरव्युस का इस्तेमाल किया, तब कई लोग जिसका मैने इंटरव्यु लिया था, उऩ्हें ना हि अंतिम लेख पढने को मिला या उसके बारे मे कुछ प्रत्युत्तर देने का मौका मिला.

Re-narration by Amrapali in Hindi targeting Gujarat for this web page

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