Wednesday 8 February 2012

Re-narration

झुग्गि झोंपडि : सरकार को गरीबों की झोंपडी के स्थान पर ही पक्के मकान बनाके देने चाहिये|

भागिरथ वर्मा बता रहे है कि छत्तिसगढ मज़दूर संघके प्रतिनिधि कह रहे है कि राज्यमें कहीं जगह झुग्गि झोपडियां जो २५ ससे ४० साल पुराना है उसे बीना किसि और व्यवस्था किये १० जून को तोड दीया गया था और आज तक रहने के लिये कोई दुसरा प्रबंध नहि किया गया| एक तरफ़ सरकार गरीबों को पक्का मकान का वायदा करती है और दुसरि तरफ़ उऩ्हें खुले आसमान के नीचे रहने के लिये मजबूर करती है ये मौलिक अधिकार का खंडन है| सरकार शहर को सुंदर बनाने के बहाने बस्ती की झोंपडियां उजाडकर उऩ्हें बहुत दूर मकान दे रही है जो सहि नहि है| गरीबों को वही मकान देना चाहिये जहां उनकी बस्ती है क्योंकि उससे उनकी रोज़ीरोटी पर असर पडता है| अगर बीना कोइ मूलभूत जरुरियात की व्य्वस्था के बीना अगर सरकार बस्ती तोडने की योजना बनाती है तो मज़दूर संघ उसका कडा विरोध करता है| ज़्यादा जानकारी के लिये वर्माजी का संपर्क ०९०३९१४२०४९ फ़ोन नंबर पर कर सकते है|
अगस्त ०८/२०११

Re-narration by Amrapali in Hindi targeting India for this web page

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