Tuesday 27 November 2012

Krishnadevaraya | Vijaynagar | Hampi | World heritage

कृष्णदेवराय

राजा कृष्णदेव राय के कुछ तथ्य

500 साल पहले राजा कृष्णदेव राय अपने साम्राज्य पर शासन किया. कृष्णादेवाराय समय से विरासत में दशहरा समारोह और अनगिनत मंदिरों का निर्माण और पुनः निर्माण द्वारा स्थापत्य प्रगति शामिल हैं. विजयनगर भारतीय संस्कृति के लिए संरक्षक साबित हुई.

क्षिण भारत में विजयनगर, एक आधुनिक शहर की स्थापना करके एक नए युग की शुरुआत है, यह.प्रमुख शहर की योजना है जिसमें जल निकासी व्यवस्था, नहरों, सिंचाई प्रणाली और कई और अधिक जिनमें से कुछ आज की तारीख तक भी कार्य कर रहे हैं

कृष्णदेव राय के २००० से अधिक पुरालेख और शिलालेख उपस्थित हैं

एक महान योद्धा

एक महान योद्धा
वह एक महान योद्धा था और अंत तक हार नहीं मानी. यह एक घटना है जो उड़ीसा के राजा की बेटी से शादी करने के बाद, उसने चोलमंदला साम्राज्य के केतावरम राज्य पे हमला करने का फैसला किया, जब वह वहं पहुंचा तो नदी मे बाढ देखकर चकित हो गया लेकिन बीना हार माने उसने, अप्ने सिपाहियों को नदी के आसपास कोतर बनाने का आदेश दीया जिससे पानी कम हो गया. थोडे ही समय में नदी का तल दिखने लगा. केतावरम के पास १००००० सैनिकों और ३००० घुड़सवार की फ़ौज होने बावजुद भी उसने कडी लडाई लडी और उन्हें हरा दीया. चोलमंडला के विशाल खजाने को क्रिश्नदेवरायय ने अपने साथीयों में इनाम के रुप में‌बांट दीया.

महल में

महल में
 राजा खुद कई हिजड़ा के साथ महल में रहते थे, जब वह अपनी पत्नियों के किसी भी देखने की कामना की.तो वह हिजड़ा को ऑर्डर करके उन्हें बुलाते थे. वहाँ कुछ किन्नरों, जो राजा के पसंदीदा में थे, वे राजा के पास सो सकते थे और सोने के लिए भारी वेतन प्राप्त करते थे.

प्रात:काल उठनेवाला

प्रात:काल उठनेवाला
Tराजा समय से पहले उठने वाला था. उनकी दीनचर्या पीना और संध्याकाल से पहले खुद को तिल के तेल की 3 चौथाई डेढ़ पाव से मालिश करके. जननांग को एक छोटे कपडे से कवर करके वह मिट्टी के बनॆ वजन और तलवार से पुरा तेल पसीना होने तक कसरत करता था. उस्के बाद वह पहलवानों के साथ कुश्ती करता था. उसके बाद प्रात::काल तक मैदान में सरपट दौड लगाता था. इसके बाद ब्राह्मिन उन्हें स्नान कराता था बाद में महल में जाके औपचारिक रिवाज आचरण करते थे.  

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