विजय की सभा.
विजय की सभा.
यह बनाया गया था जब कृष्णदेव राया उड़ीसा के राजा के खिलाफ अपने विजयी अभियान से वापस आया था। विजय की सभा में विजयनगर के राजा यहाँ स्तंभ की पंक्तियों के बीच रिक्त स्थान में सबसे अलंकृत और सुंदर नक़्क़ाशीदार.एक भव्य सिंहासन पर बैठकर नौ दिन दशहरा त्योहार का दर्शन करते थे.
विजय सभा के पश्चिम,की तरफ, दो बर्बाद दरवाजे के माध्यम से, हजारा रामास्वामी मंदिर की ओर पथ जाता है। इस मंदिर शाही परिवार की पूजा की निजी जगह माना जा रहा है. मंदिर का मुख्य आकर्षण दो मंडप के अंदर की दीवारों पर खुदे रामायण से दृश्यों की श्रृंखला है. आज हम्पी रूप में जाना जाता है उसकी उत्पत्ति का समय, हिंदू महाकाव्य रामायणके समय जब यह कीशिकिनडा (Kishkinda),एक बंदर राज्य था, वह माना जाता है,
Re-narration by Amrapali in Hindi targeting art and sculpture for this web page
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