हंपि मे भीमा
हाथी पे चढने के लिएउंचा स्थान
कोदंडाराम मंदिर से चक्रतिर्थ। तैरते पौधे पानी के वर्तुलाकार प्रवाह को उजागर करते हैं।
भगवान विष्णु की सर्प शैया। विष्णु की पत्नि, संगीतज्ञों का समूह उनके पाँव के पास बैठे हैं, बगवान ब्रह्मा, विष्णु के नाभि से निकले कमल पर बैठे है।
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