पशुपालक की पारिस्थितिकी प्रणालियों ने राष्ट्रीय सीमाओं पार कर दी है और यह गतिविधि इन प्रणालियों के भीतर आर्थिक एवं पारिस्थितिक रुप से (सही)तर्कसंगत है.
पशुओं का निर्यात व्यापार अच्छी तरह से स्थापित और मजबूत है और उसका विकास हो रहा है एवं नए बाजार तकों को थामने को तैयार है.
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