गिरिजा कल्याण (ब्याह) का विषय के रूप में उपयोग करके लेपाक्षि वीरभद्रस्वामी मंदिर के बारे में परिचयात्मक वीडियो। यह मंदिर,का प्रवेश द्वार खंभे, कल्याण मंडप जहां गाइड विरुपन्ना (Virupanna) गिरिजा कल्याण गाथा बताते है, आदि दिखाता है। यह (IIACD, नियास, डीएसटी) संगठनों की जानकारी के साथ समाप्त होता है
लेपाक्षि भित्ति चित्र की स्लाइड शो.- लेपाक्षि स्लाइडशो में भित्ति चित्र, मूर्तियां, नाट्य मंडप छत, कल्याण मंडप, प्रदक्षिणा भित्ति चित्र, देवताओं और पुजारी जी के चित्र शामिल हैं.
वास्तव में एसा हुआ कि, फक्त IDH स्टाल, त्योहार पर एक ही एसा स्टाल था जो लेपाक्षि वीरभद्रस्वामी मंदिर को समर्पित था । (एक पर्यटन अधिकारी ने उत्साह से सुझाव किया कि अगले साल की पूरे प्रदर्शनी की योजना IDH टीम द्वारा बनाई जानी चाहिए ) एएसआई स्टाल ने सभी एपी साइटों पर ध्यान केंद्रित किया था - अपने स्टाल में केवल 2 बोर्डों लेपाक्षि पर थे. त्योहार बड़े पैमाने पर जैविक कृषि पर, बुढ्ढि का बाल कैंडी विक्रेताओं,वॉलीबॉल खेल आदि स्टालों के साथ लोकप्रिय प्रदर्शनी था, विरासत के साथ कनेक्शन ढूंढा गया था, लेकिन वहाँ कई महत्वपूर्ण प्रयास दोगुना सार्थक बनाने वाले थे.
पहला दिवस (८ सितंबर) अखंड नंदी मूर्तिकला से जुलूस के साथ महोत्सव साइट पर पहियों पर बना मंच पे कुछ मंदिर से दृश्यों का प्रतिनिधित्व के साथ मंदिर के बाह्यतम Prakara में शुरू हुआ.स्थानीय कलाकारों ने गुड़िया के रूप में भयंकर भूत (वीरभद्र के भक्त के रूप में)कपड़े पहने थे, बैल और ऊंट, के साथ सिख कलाकारों की टुकड़ी, एक रथ पर स्थानीय राजनीतिक नेताओं सब, जुलूस का हिस्सा था, जिसमें एक बड़ी भीड़ ने भाग लिया। प्रलेखन टीम ने कई दृश्यों वीडियो और चित्र में कैद किया है। . भीड़ बहुत था और इस जुलूस को फिल्म करने का सबसे अच्छा विकल्प दौडकर वीडियो लेना था। इसके कारण कुछ "खरा कैमरा" क्षणों कैद हुआ है, जैसा कि भगवान कृष्ण का पाठ करने वाली व्यक्ति के देर से आने की और कुछ स्थानीय राजनेताओं को ले जाने रथ, "भव्यता."की वजह से अटक जाना।
दोपहर से रात तक - स्थानीय विधायक और अन्य राजनीतिक हस्तियों ने त्योहार स्थल की मुलाकात ली , और कई IDH स्टाल को भी देखने के लिए आयें .छात्रों, शिक्षकों, कपड़ा / साड़ी डिजाइनरों के कई समूहों के स्टाल की मुलाकात ली .हमारे समूह में तेलुगू भाषी लोगों ने, बड़े पैमाने पर चल रहे हमारे काम के बारे में लोगों से बात की, इंटरैक्टिव वीडियो प्रस्तुत किया, पारंपरिक कपड़े, कापड, टोपी मंदिर के भित्ति चित्रों और मूर्तियां में चित्रित के बारे में एनआईडी टीम द्वारा किये गये संकलन पर प्रश्नों के उत्तर दिए.।.
८ की रात थी जब समृद्ध अमूर्त विरासत विषयों से संबंधित प्रदर्शन त्योहार में प्रस्तुत किए गए.
Re-narration by Amrapali in Hindi targeting Heritage for this web page
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