Wednesday 7 December 2011

Re-narration


भारतीय हस्तशिल्प की अवधारणा (विचार) सबसे पुरानी Harrappan सभ्यता और सिंधु घाटी सभ्यताओं में से उभरा है. भारत हस्तशिल्प उद्योग द्वारा अनन्य नक्काशीदार वस्तुओं जॊ विशाल सांस्कृतिक और जातीय विविधता के कारण अद्वितीय विषयों, तकनीक, और शिल्प की एक सरणी आत्मसात कराती है.. भारत के हस्तशिल्प उद्योग दुनिया भर में अपनी अनोखी अपील के लिए भारत की समृद्ध और सांस्कृतिक विरासत के रूप में लोकप्रिय है. भारत के हस्तशिल्प अपनी कृतियों में पीतल, धातु, लकड़ी, पत्थर, और मोती का उपयॊग करके श्रेष्ट कृति से लेकर सादे घरेलू वस्तुओं को बनाते है.
पेंटिंग्स, फर्नीचर, मूर्तियां, कृत्रिम गहने, पशुओं के आंकड़े, देवी - देवताओं की मूर्तियों, टोकरियाँ, और कई और अधिक आइटम को भारत का गौरव के रूप में बधाई दी गई है.
स्थानीय बाजार में व्यापार के अलावा, भारतीय हस्तशिल्प दुनिया भर में भी निर्यात हो रहे हैं. कला का हर काम कारीगरों की कुशलता और भावनाओं को दर्शाता है, जिससे वो काम सजावट के अलावा दिलस्पर्श बन जाता है.

Re-narration by Anonymous in Hindi targeting Gujarat for this web page

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