हम नस्लों और उनके खाद्य और कृषि के लिए पशु आनुवंशिक संसाधनों के संरक्षक के सर्जक हैं;
राइका और पारंपरिक नस्लों के टिकाऊ उपयोग अत्यधिक हमारे पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण पर निर्भर कर रहे हैं, और
हमारे पारंपरिक नस्लों सामूहिक संपत्ति, स्वदेशी ज्ञान के उत्पादों और हमारे सांस्कृतिक अभिव्यक्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं.
राजस्थान के वन पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण और जैव विविधता के सतत उपयोग में हमारे योगदान को पहचान करने के लिए हम सम्मेलन बुलाते हैं, हम संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन को भी हमारे पशु आनुवंशिक संसाधनों के महत्व को स्वीकार करे और पशुधन रखवाले 'अधिकार को पहचान करने के लिए कहते हैं.
Re-narration by Amrapali in Hindi targeting Rajasthan for this web page
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